लुधियाना शहर के रमा सोफत अस्पताल के मालिक और उसके परिवार के खिलाफ, लुधियाना पुलिस ने बुधवार, दिसंबर 2024 में, अपने कारोबारी और साथ ही निवास स्थल पर कि गई तलाशी अभियान के दौरान, आईटी अधिकारियों को धमकाने और तलाशी में रुकावट पैदा करने के मामले में केस दर्ज किया है।
दरअसल, यह मामला रमा सोफत अस्पताल के डॉक्टरों पर, आईटी विभाग की तलाशी में रुकावट पैदा करने और उनको धमकाने के आरोप में दर्ज किया गया है। इस मामले में, डॉ. रमा सोफत अस्पताल और रुचि टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर के मालिक और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के रूप में दोषियों को पहचाना गया है। यह अस्पताल सिविल लाइंस के कॉलेज रोड पर बना हुआ है। इस केस में पाए गए, सभी दोषी अस्पताल को चलाने में अपनी प्रमुख भूमिका को निभाते हैं।
आईटी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर, जांच-1, अनुराग ढींढसा की सरकारी शिकायत पर धारा 218, 221, 222, 224, 351 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 3(5) के अंतर्गत इस हस्पताल के ख़िलाफ एफआईआर को दर्ज किया गया है। शिकायत करता ने एफआईआर में दर्ज करवाया है, कि आईटी विभाग द्वारा,18 दिसंबर, 2024 को डॉ. रमा सोफत अस्पताल में तलाशी अभियान चलाया था, जिस में, अस्पताल के डॉक्टरों ने तलाशी के दौरान उस में रुकावट को पैदा किया और यहां तक कि लोक सेवकों को धमकी दी कि वह उन पर फर्जी बलात्कार का केस डाल देंगे, जो कि इस तलाशी अभियान में शामिल थे।
इस केस में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली यह बात है, कि यह मामला डॉ. सुमिता सोफत अस्पताल के खिलाफ दर्ज नहीं किया गया है, बल्कि यह मामला डॉ. रमा सोफत अस्पताल और रुचि टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर के डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज किया गया है, तो बात यह है, कि इस केस से डॉ. सुमिता सोफत अस्पताल का और डॉक्टरों का कोई लेना देना नहीं है। यह बात आपको स्पष्ट रूप से इस लिए बताई गयी है, क्योंकि अक्सर लोग दोनों स्थानों को एक-दूसरे से जोड़कर देखते हैं, परन्तु सच तो यह है, कि डॉ. सुमिता सोफत अस्पताल का, दर्ज हुई एफआईआर के साथ किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं है।

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