अगर कुछ मिथक बातों के डर से नहीं करवा रहे हैं हेयर ट्रांसप्लांट तो जानिए सच
जो लोग हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से डरते हैं, वे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें।
मिथक 1: हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से दिमाग और आंखों में समस्या होती है।
सच: डॉ. का कहना है कि हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से दिमाग और आंखों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है और यह पूरी तरह सुरक्षित है।
मिथक 2: हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के बाद बाल नहीं बढ़ते।
सच: हेयर ट्रांसप्लांट के कुछ दिनों बाद सही पोषण मिलने पर बाल अपने आप ही बढ़ना शुरू कर देते हैं।
मिथक 3: हेयर ट्रांसप्लांट दर्दनाक होता है।
सच: ऐसा नहीं है बल्कि हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया होने से पहले, रोगी को एक स्थानीय संवेदनाहारी मिलेगी जिससे वह बेहद सुविधाजनक बन जायेगी।
मिथक 4: आप मूल बालों से ट्रांसप्लांटेड बालों की पहचान कर सकते हैं।
सच: यदि मौजूदा बालों की गहराई, कोण, दिशा, बनावट और रंग को सावधानीपूर्वक और कार्यान्वित किया जाता है, तो आप अपराजेय परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। एक अच्छे हेयर प्लांट सर्जन के पास कलात्मक कौशल भी होता है और यह थोड़े समय में प्रत्यारोपण से निशान को कम कर सकता है। एक बार जब ये मिट जाते हैं, तो आप असली बालों के बीच के अंतर का पता नहीं लगा सकते हैं।
मिथक 5: हेयर ट्रांसप्लांट् जीवन भर टिकता नहीं हैं।
सच: सर्जरी के बाद, कटे हुए बाल 3-4 सप्ताह में बह सकते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। प्रत्यारोपित होने वाले रोम 6-7 सप्ताह के भीतर बढ़ने लगते हैं जो जीवन भर रहता है।
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